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जीवन तो संगर्ष है,
मुंह ना फेरो जीवन से,
वो तो कायर बुज्ज्दिल होते
जो मुंह फेरते जीवन से,
जीवन तो अमृतसागर बहे जाओ इस समंदर में,
डूबने की चिंता छोड़ो , आशा करो उस जीवन की,
भरी हो जिसमे खुसियन मन की ,
फल की चिंता छोडके , कर्म करोगे जो मन से तुम
आगे तुम अवश्य बढोगे ,घबराओ मत जीवन से
जीवन तो संगर्ष है,
मुंह ना फेरो जीवन से,
वो तो कायर बुज्ज्दिल होते
जो मुंह फेरते जीवन से,
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